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Saturday, November 14, 2009

"अर्द्धागिनी" या "माया ठगिनी"


जालोर। कुछ पैसों का मोह इन दिनों विवाह के मायने बदल रहा है। बाहर के राज्यों से ब्याहकर आने वाली बहुएं मारवाड़ी दूल्हों को चूना लगा रही हैं। अकेले सांचौर वृत्त में ही पिछले चार दिनों में पीडित पतियों की ओर से तीन मुकदमे दर्ज करवाए गए हैं।

"वे" विवाह के फेरों और मंगलसूत्र के एक अनमोल धागे के साथ बंधकर जीते दम तक साथ जीने मरने की कसमें खाकर "इनके" आई थीं। अब कुछ पैसों का मोह अटूट बन्धन को तार-तार कर रहा है। कुछ दिनों तक पति के साथ रहकर गहनों समेत चम्पत होने की घटनाएं खासी शर्मसार करने वाली है।



बेटियां या कमाई का जरिया

पीडित पतियों ने यह भी आरोप लगाया है कि यहां से रूपए लेकर फरार हुई आरोपी महिलाओं ने शादीशुदा होने के बावजूद दूसरा विवाह कर लिया। इन मामलों में इनके माता-पिता द्वारा दूसरी शादी करवाए जाने की बात कॉमन है। आरोपों से जाहिर होता है कि बेटी का विवाह पुण्य मानने वाले समाज में बेटी बेचने की घृणित परम्परा चिंतित करने वाली है।
नहीं करवाते मुकदमा
सामाजिक लोक-लाज के डर से कई लोग मुकदमा भी दर्ज नहीं करवाते। साउथ से पैसे देकर विवाह करने और दुल्हन के भाग जाने की घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है। मारवाड़ में विवाह करवाने वाले ऎसे गिरोह भी सक्रिय होने की संभावना है। इसी वर्ष बागरा थाने में दर्ज एक अन्य मामले में भी परिजनों द्वारा लड़की का दो जगह विवाह करवाना प्रकाश में आया था। कुछ माह पूर्व जालोर में भी दक्षिण से विवाह करके आई एक वधु के गहनों व रूपए समेत फरार होने की घटना चर्चा का विषय रही। पीडित परिवार की ओर से लोक-लाज के भय से मामला दर्ज नहीं करवाया गया।

यह दर्ज हुए मामले
नवम्बर माह की शुरूआत में ही ऎसे चार मामले दर्ज हुए हैं। झाब थाने में दर्ज मामले के मुताबिक भूतेल निवासी चेलाराम पुत्र मसराराम रावणा राजपूत ने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी कड़ी गुजरात निवासी वरजुदेवी पुत्री लालाभाई गहने और रूपयों समेत पीहर जाने के बाद आज तक नहीं लौटी। इसी थाने में हेमागुड़ा निवासी लाखा पुत्र करनाराम ओड ने मामला दर्ज करवाया कि विजयगढ़ थराद निवासी मंजू पुत्री विरदचंद ओड से उसका विवाह हुआ था।
कुछ दिनों पूर्व उसकी पत्नी घर से नकद रूपए व गहने लेकर पीहर गई थी, जहां उसके पिता ने उसका अन्यत्र विवाह करवा दिया गया। सांचौर थाने में दर्ज मामलों के मुताबिक लूणियासर निवासी बलवंता पुत्र हरीराम वागरी ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि उसका विवाह सुखीदेवी के साथ व उसके भाई जगताराम की शादी तारादेवी के साथ गुजरात के रमाणा गांव मे हुई। करीब डेढ़ माह पूर्व वे दोनों अपने भाईयों के शादी में जाने का कहकर गहने व नगद रूपए लेकर गई थी और आज तक नहीं लौटी। इन सभी प्रार्थियों का आरोप है कि उनके ससुराल वालों ने उनकी पत्नियों का अन्यत्र विवाह करवा दिया है। पुलिस इन मामलों की जांच कर रही है।

cott by SP Jalore
कुछ समाजों में लड़कियों की कमी इसका बड़ा कारण है। लोग अक्सर विवाह के नाम पर धोखे में रह जाते हैं। हरियाणा समेत अन्य कई राज्यों में इस तरह का विवाह करवाने वाला गिरोह सक्रिय है। जिले में ऎसे गिरोह की सक्रियता की जानकारी नहीं है। यदि कोई है भी तो ये बाहर के लोग हैं। हम मामलों की जांच करवाएंगे। यह भी सच है कि लोकलाज के डर से लोग अक्सर मुकदमा दर्ज नहीं करवाते।
-लक्ष्मीनारायण मीणा, पुलिस अधीक्षक, जालोर


published in jalore addition 11th Nov 2009
प्रदीपसिंह बीदावत

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