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Friday, December 6, 2013

जैपर, पाली चुनते हैं रानीवाड़ा का विधायक!

 Voters have funny names in Raniwara constituency



प्रदीप बीदावत
पाली। जैपर, जैसलमेर, मद्रास, पाली और मुम्बई के वोट रानीवाड़ा में विधायक चुनते हैं! सुनकर चौंकना लाजिमी है, लेकिन बात ही जरा हटके है। हम बात शहरों की नहीं रानीवाड़ा कलां के मतदाताओं की कर रहे हैं। यहां मतदान केन्द्र संख्या 143 से 145 की मतदाता सूचियों में कुछ ऎसे ही नाम है कि हर कोई सोचने पर मजबूर हो जाए।

जालौर के रानीवाड़ा कलां में 35 से ऊपर की उम्र वाले मतदाताओं के नाम चौंकाने वाले हैं। किसी का नाम शहर पर है तो किसी का सरकारी ओहदे पर। खास बात ये कि इन लोगों को अपने नाम से कोई दिक्कत भी नहीं है। यहां किसी का नाम "जैपर" है तो किसी का "पाली", किसी का "मद्रास"। कोई "लखपति" है तो "ऎहलकार", "पहलवान" और "पटवारी" भी पीछे नहीं। हालांकि दस साल पहले तक नजर आने वाले "एसपी" और "कलक्टर" जैसे नाम अब रिटायर हो चुके हैं।

अनूठे नामों का है क्रेज
रियासतकालीन "बाईसा" सम्बोधन का क्रेÊा इतना है कि दो वार्ड में 13 महिलाओं का नाम "बाईसा" ही है। रानीवाड़ा की इस बस्ती के रहने वाले रमेश कुमार बताते हैं कि नट बस्ती में दस साल पहले "कलक्टर", "एसपी" और "थानेदार" जैसे नाम भी होते थे। "पांच लीटर हथकढ़ शराब के साथ कलक्टर गिरफ्तार" जैसे जुमले परिहास का सबब भी बनते थे। खाद्य पदार्थो पर रखे जाने वाले नामों की भरमार है तो "बत्तीसी" भी हाजिर है। हालांकि शिक्षा का प्रसार होने से आजकल ऎसे नाम नहीं रखे जाते, लेकिन 35 वर्ष से अधिक उम्र वाले मतदाताओं के कई नाम आज भी हास्य पैदा करते हैं।

कैसे कैसे नाम
शहरों पर : पाली, जैपर, ममोई (मुम्बई), मद्रास, जैसलमेर
पदों पर : ऎलकार, डिप्टी, पटवारी
आर्थिक स्थिति पर : लखपति, तंगी, मंदी, मूंगी
व्यवहार पर : अच्छाराम, अकलवती
खाद्य सामग्री पर : पूरी, केला, मौसमी, दाड़म, लाडू, बर्फी, मावा, माखण आदि
अन्य : दीवाली, कचरा, डाई, बत्तीसी

जो अच्छा लगा वो नाम अपनाया
कभी अवैध शराब व्यवसाय से जुड़ी रही यह बस्ती अब बदलाव की ओर है। बच्चे स्कूल भी जाने लगे हैं, लेकिन सालों पूर्व बड़े शहरों और लोगों को दिए जाने वाले सम्बोधन इन परिवारों ने नाम के रूप में अपना लिए। लोगों का कहना है कि जो नाम अच्छे लगे वो अपना लिए।

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