मुस्कुराहट...
सपने में परियां आई
इसलिए बेटी मुस्कुराई
ये स्वप्न जब बड़े होंगे
अपने पांव पर खड़े होंगे
जब भावना की गोद से नीचे
उतरकर पृथ्वी पर चलना सीखेंगे
चांद तारों सी उंचाइयों के लिए
रूठना मचलना सीखेंगे
रोशनी के लिए ललचाएंगे
हर दीए से उंगली जलाएंगे
जब ये स्वप्न बड़े होंगे
अपने पांव पर खड़े होंगे
शब्द प्रेरणा : दुष्यन्त
सपने में परियां आई
इसलिए बेटी मुस्कुराई
ये स्वप्न जब बड़े होंगे
अपने पांव पर खड़े होंगे
जब भावना की गोद से नीचे
उतरकर पृथ्वी पर चलना सीखेंगे
चांद तारों सी उंचाइयों के लिए
रूठना मचलना सीखेंगे
रोशनी के लिए ललचाएंगे
हर दीए से उंगली जलाएंगे
जब ये स्वप्न बड़े होंगे
अपने पांव पर खड़े होंगे
शब्द प्रेरणा : दुष्यन्त